फिर मिलूँ तो पहचान भी लेना मुझको ऐ दोस्त, मैं तुम्हारा बचपन हूँ, जवानी हूँ बस बुढ़ापे में ढल गय... फिर मिलूँ तो पहचान भी लेना मुझको ऐ दोस्त, मैं तुम्हारा बचपन हूँ, जवानी हूँ ...
क्या गुजरती होगी भूख पर भी जब वो कई दिनों से भूखी हड्डियों को खाती होगी ? क्या गुजरती होगी भूख पर भी जब वो कई दिनों से भूखी हड्डियों को खाती होगी ?
देखो उसको वो मेरी तरफ दौड़ा चला आ रहा है मुझ को बुढ़ापा आ रहा है..। देखो उसको वो मेरी तरफ दौड़ा चला आ रहा है मुझ को बुढ़ापा आ रहा है..।
यूँ ही चलते चलते तमाम होती है ! यूँ ही चलते चलते तमाम होती है !
मौत के पुरस्कार के लिए, हर रोज तरसता हूं। मौत के पुरस्कार के लिए, हर रोज तरसता हूं।
माँ-बाप के चरणों में बसताे हैं चारों धाम, करो माँ को प्रणाम, करो पिता को प्रणाम। माँ-बाप के चरणों में बसताे हैं चारों धाम, करो माँ को प्रणाम, करो पिता को प्रणाम...